मीराबाई चानू के संघर्ष की कहानी
इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में एक सामान्य परिवार में जन्मी छह भाई-बहनों में सबसे छोटी चानू को अपनी लिफ्टिंग की ताकत का पहली बार अंदाज़ा 12 साल की उम्र में हुआ।
इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में एक सामान्य परिवार में जन्मी छह भाई-बहनों में सबसे छोटी चानू को अपनी लिफ्टिंग की ताकत का पहली बार अंदाज़ा 12 साल की उम्र में हुआ।
टोक्यो ओलंपिक के दूसरे ही दिन भारत का खाता खुल गया है। देश की सबसे बड़ी उम्मीद मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक अपने नाम कर लिया है।