दोस्तों आज मैं आपको बताने वाले हैं की आर एस एस क्या है ? इसमें किस तरह के कार्य किये जाते हैं और इसमें कैसे जुड़ा जाता हैं अगर इस तरह के सवाल आपके मन में भी है तो आप इस Post को पूरा पढ़िए इसमें आपके हर एक सवाल का जवाब मिल जाएगा क्योंकि इस Post में मैंने आर एस एस की संपूर्ण जानकारी दी है।
दोस्तों बता दूँ की आर एस एस एक हिंदूवादी संगठन हैं लगभग सभी हिंदू जातियों के लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं। इसमें ज्यादातर भूमिहार , जाट , राजपूत , ब्राह्मण जाति के लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं और इस संगठन का कार्य करते है।
RSS को BJP का संगठन भी माना जाता है
लेकिन मैं आपको बता दूं की BJP आर एस एस का हिस्सा है न कि आर एस एस BJP का हिस्सा है।
RSS पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्वयं सेवी सगंठन हैं। इस संगठन का एक ही लक्ष्य हैं भारत को विश्व शक्ति बनाना ।
दोस्तों बता दूँ की आर एस एस का एक ही लक्ष्य नहीं है की भारत को विश्व शक्ति बनाना हैं, बल्कि इसके बहुत सारे लक्ष्य हैं जैसे किसी भी प्रकार की संकट की स्थिति आने पर दुसरो की सहायता करना , गरीबों की मदद करना अपने लोगों को हिन्दू संस्कार देना हिन्दूत्व को बढ़ावा देना इत्यादि, RSS सिर्फ हिन्दू धर्म की ही मदद नहीं करता बल्कि अन्य सभी धर्म के लोगों की मदद करता हैं।
आर एस एस क्या है ?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रमुख उद्देश्य लोगों को सनातन धर्म के बारे में पूरी जानकारी देना और उन्हें जागरूक करके धर्म के साथ जोड़ना हैं। इसके साथ ही यह संघ देश में सामाजिक, आर्थिक, नागरिक, पर्यावरण और अन्य सभी चुनौतियों का सामना करते हुए उनका समाधान करने का काम करता है।
RSS का पूरा नाम क्या है ?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि खुद की रक्षा खुद करना इसी के अनुरूप इस संगठन में ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि इसके सदस्य अपनी रक्षा के साथ साथ दुसरो की भी सुरक्षा कर सके।
RSS का इतिहास क्या है ?
दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना केशव बलराम हेडगेवार ने की थी। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की गई थी।
जब देश से इमरजेंसी हट गई तो RSS वाले BJP यानि भारतीय जनता पार्टी में मिल गए और दोनों मिलकर सरकार बना लिए और समय के साथ-साथ ये राजनीतिक के और आकर्षित हो गए। हालांकि RSS ने शुरुवाती दौड़ में राष्ट्रीय झंडा अपनाने से मना कर दिया था। और मांग करने लगे थे की राष्ट्रीय झंडा भगवा होना चाहिए।
RSS को Join कैसे करें ?
दोस्तों RSS में शामिल होने की कोई ज्यादा लंबी प्रक्रिया नहीं है बस आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए और आपके अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए और देश के प्रति सेवा की भावना होनी चाहिए और RSS समय समय पर युवाओं को आकर्षित करने के लिए बहुत सारे कार्यक्रम करता है जिसमें वह नए लोगों को सदस्यता ग्रहण करवाता है।
अगर आप भी चाहते की हम RSS को Join करे और इस संगठन में रह कर काम करे और देश के प्रति कुछ करे तो आप इसके कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं इसका कार्यालय आपको देश के हर राज्य में मिलेगा आप जिस भी राज्य से है आप उस राज्य के RSS के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं ।
RSS में Join होने से लाभ ?
दोस्तों R.S.S. में जुड़ने का कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं है आप इस संगठन से जुड़ कर देश की सेवा कर सकते हैं आपको देश की सेवा करने के लिए एक प्लेटफार्म मिल जाएगा इसका दूसरा सबसे महत्वपूर्ण काम आप हिंदुत्व को बढ़ावा दे सकते हैं आप अपनी सनातन संस्कृति से ज्यादा परिचित होंगे।
इससे जुड़कर आपको ऊंच – नीच का भेदभाव खत्म करने का मौका मिलेगा और देश के लिए कुछ अच्छा करने का अवसर आपको मिल जाएगा।
निष्कर्ष :
दोस्तों मैंने इस Post में पूरी जानकारी दी हैं की आरएसएस क्या है , RSS को Join कैसे करें, आरएसएस से जुड़ने का लाभ क्या है ? और RSS का इतिहास क्या हैं, तो मैंने एकदम सरल भाषा में आपको RSS के बारे में बताया है । मुझे नहीं लगता कि इस Post को पूरा पढ़ने के बाद आपके मन में कोई सवाल रहेगा।
नमस्कार दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं आपको ये Post काफी पसंद आई होगी क्योंकि इस पोस्ट में मैंने आर एस एस से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी बात आपको बताई हैं। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें Comment करके पूछ सकते हैं मैं आपके सवाल का जवाब जरूर दूंगा।