लैंगिक जनन | अलैंगिक जनन |
प्रजनन में दो प्राणी भाग लेते हैं। | प्रजनन में केवल एक ही प्राणी भाग लेता है। |
इसमें प्रजनन इकाई युग्मक होते हैं। | इसमें प्रजनन इकाई कलिका शरीर खण्ड आदि होते हैं। |
जन्तुओं में शुक्राणु एवं अण्डाणु तथा पादपों में परागकण एवं अण्डप बनते हैं। | इसमें युग्मकों का निर्माण नहीं होता है। |
युग्मक संलयन होता है। | युग्मक संलयन नहीं होता है। |
सम-सूत्री तथा अर्द्धसूत्री दोनों प्रकार के विभाजन पाये जाते हैं। | अलैंगिक प्रजनन सम-सूत्री विभाजन द्वारा होता है चाहे वह शरीर में ही हो या कोशिकाओं में। |
सन्तान आनुवंशिक रूप से जनक से भिन्न होती है। | सन्तान आनुवांशिक तथा संरचनात्मक रूप से जनक के समान ही होती है। |
यह जैव विकास में सहायक होता है क्योंकि इसमें आनुवंशिक भिन्नताएँ होती है। | यह जैव विकास में कम सहायक है क्योंकि इसमें आनुवंशिक भिन्नताएँ नहीं होती है। |
इसमें प्रजनन की दर धीमी होती है। | इसमें प्रजनन की दर बहुत तीव्र होती है। |
इसमें जनक की जननिक कोशिकाएँ भाग लेती है। | इसमें जनक की कायिक कोशिकाएँ भाग लेती हैं। |
यह अधिकांशतः उच्च श्रेणी के के पौधों एवं जन्तुओं में होता है। | यह अधिकांश पौधों, निम्न कशेरुकी एवं निम्न कॉर्डेट्स में होता है। |